शुक्रवार, 29 जून 2012

आ फिर से मेरी जिन्दगी में आजा


 आ फिर से मेरी जिन्दगी में आजा


आ फिर से मेरी जिन्दगी में आजा

Story By. RAVI RAJ UMRAO

-09990798768. Mere mail ID: raviumraojaan@gmail.com  


कुछ हिसा मेरे अन्दर रह गया है तेरा
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आजा


आबाद ही कहा हुआ हू तेरे जाने के बाद
आ फिर से मुझे बर्बाद करने के लिए आजा


बेवफाई तो वफ्फा के बाद होती है
आ फिर से मेरे साथ वफ्फा करने आजा


खलिश कुछ बाकी रह गयी है दिल में
आ फिर से मुझे तडपाने के लिए आजा


हमने तो कब के आंसू पूछ लिए थे
आ फिर से मुझे रुलाने के लिए आजा


अब कट टी है राते रोज तनहइयो मेन "aashu"
आ फिर से मुझे सताने के लिए आजा

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